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यूनिवर्सिटी या कॉलेज में सहायक प्रोफ़ेसर पोस्ट पर अपॉइंट होना किसी भी शख़्स के लिए गर्व की बात है, लेकिन इसके लिए काफी पापड़ बेलने पड़ते हैं, मेहनत करनी पड़ती है और बहुत समय लगाना पड़ता है। लेक्चरर बनने के लिए नैशनल एलिजिबिलटी टेस्ट (नेट) क्वालिफाई करना पड़ता है। यह टेस्ट उन पोस्ट गैजुएट उम्मीदवारों के लिए आयोजित किया जाता है, जो यूनिवर्सिटी लेवल पर टीचिंग की जॉब से जुड़ना चाहते हैं। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) इस एग़्जाम को आयोजित करता है। इसमें कामयाब होने वाले उम्मीदवारों को उनके मनपसंद प्रफेशन में एंट्री मिल जाती है।

यूजीसी नेट की परीक्षा स्टूडेंट कला संवर्ग के विषयों (भाषाओं समेत), सामाजिक विज्ञान, फॉरेंसिक साइंस, पर्यावरण विज्ञान, कंप्यूटर साइंस एंड अप्लीकेशंस और इलेक्ट्रॉनिक साइंस जैसे विषयों में दे सकता है।
                         वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) साइंस सब्जेक्ट्स के लिए यूजीसी के साथ मिलकर नेट की परीक्षा आयोजित करती है। पोस्ट ग्रैजुएशन में 55 फीसदी नंबर हासिल करने वाले स्टूडेंट नेट का एग़्जाम दे सकते हैं। पीएचडी करते समय स्टूडेंट्स की शैक्षिक और आर्थिक जरूरतों की पूर्ति के लिए यूजीसी जूनियर रिसर्च फैलोशिप देती है, लेकिन इसके लिए भी नेट का एग़्जाम क्वालिफाई करना जरूरी है। इसकी कुछ शर्त भी है। नेट की परीक्षा में अव्वल आने वाले स्टूडेंट्स को जूनियर रिसर्च फैलोशिप दी जाती है, लेकिन यह सुविधा उन्हीं स्टूडेंट्स को दी जाती है, जो अपने फॉर्म में इसके लिए अलग से आवेदन करते हैं।
                              
   जूनियर रिसर्च फैलोशिप के लिए पहला एग़्जाम 1984 में लिया गया था। सरकार ने 22 जुलाई 1988 की अधिसूचना से इस एग्जाम को कंडक्ट करने की जिम्मेदारी यूजीसी को सौंप दी। यूजीसी ने पहला एग़्जाम दो भागों में लिया। इसमें पहली परीक्षा दिसंबर 1989 में ली गई और दूसरा एग्जाम मार्च 1990 में लिया गया। नेट का एग़्जाम देने वाले स्टूडेंट्स को अप्लीकेशन फॉर्म में यह साफ-साफ जिक्र करना पड़ता है कि वह लेक्चररशिप की योग्यता के लिए परीक्षा देना चाहते हैं और जूनियर रिसर्च फैलोशिप भी हासिल करना चाहते हैं।
साल में दो बार एग़्जाम..
नेट की परीक्षा साल में दो बार जून और दिसंबर में होती है। इसके लिए रोजगार समाचार में मार्च और सितंबर में विज्ञापन प्रकाशित किया जाता है। जून में होने वाली परीक्षा के नतीजे अक्टूबर में घोषित किए जाते हैं। दिसंबर में होने वाली परीक्षा के परिणाम अप्रैल में आ जाते हैं। रिजल्ट्स रोजगार समाचार में प्रकाशित किए जाते हैं और इन्हें यूजीसी की वेबसाइट पर भी देखा जा सकता है।
                                           यह भी देखा गया है कि राष्ट्रीय स्तर पर नेट की परीक्षा से स्थानीय विषयों के साथ न्याय नहीं हो पाता, इसीलिए उम्मीदवारों की ओर से अपनी मातृभाषा में नेट की परीक्षा देने की मांग उठाई गई। इसके लिए राज्य सरकारों और संघ शासित प्रदेशों को लेक्चररशिप की योग्यता के लिए अलग से टेस्ट लेने की अनुमति दी गई। यहीं से स्टेट एलिजिबिलिटी टेस्ट (सेट)की अवधारणा का जन्म हुआ। उम्मीदवार इस परीक्षा को अंग्रेजी या अपनी मातृभाषा में दे सकते हैं। नेट की परीक्षा में सफल होने पर भी उम्मीदवारों को नौकरी मिलने में एक-दो साल लग जाते हैं। कुछ भाग्यशाली उम्मीदवारों की नौकरी इससे पहले भी लग सकती है। नेट परीक्षा में हिस्सा लेने के लिए पोस्ट ग्रैजुएशन में 55 फीसदी अंक ज़रूरी है।
                       छठे वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद पद के साथ-साथ सैलरी भी काफी हो गई है। यही कारण है कि यूजीसी परीक्षा में काफी संख्या में स्टूडेंट्स बैठने लगे हैं।   इसमें सफलता उन्हीं स्टूडेंट्स के हाथ लगती हैजो काफी कठिन मेहनत करने के साथ ही व्यावहारिक सोच भी रखते हैं। यदि आप भी इस परीक्षा के लिए आवेदन कर चुके हैं और इसकी तैयारी में जुटे हैंतो हम आपके लिए कुछ खास स्ट्रेटेजी बता रहे हैंजिससे आप बेहतर तैयारी करने में सफल हो सकें। सबसे पहले अपना टारगेट फिक्स करें। क्वालिफाइंग पेपर के लिए पत्र-पत्रिकाओं का अध्ययन तथा समसामयिक मुद्दों  घटनाओं से संबंधित तथ्यों का संकलन क्वालीफाइंग की शर्त को आसान बना सकता है।
==> इसके लिए चार सौ अंकों की लिखित परीक्षा दो चरणों में होगी। इसमें तीन प्रश्नपत्र होंगे...
  •  पहला प्रश्नपत्र सामान्य स्तर का होगा। इस पेपर का मुख्य उद्देश्य परीक्षार्थी की शिक्षण एवं शोध क्षमता की जानकारी करना है।  इसके अंतर्गत रीजनिंग एबिलिटीकॉम्प्रिहेंसनडाइवरजेंट थिंकिंग ऐंड जनरल अवेयरनेस से संबंधित प्रश्न पूछे जाएंगे। यह पेपर सभी अभ्यर्थियों के लिए अनिवार्य होगा तथा इसके लिए सौ अंक तथा सवा घंटा निर्धारित है। आपके लिए जरूरी है कि तैयारी के समय ही उसके महत्व के अनुसार पढाई करें। इसके लिए यदि आप अभी से सिर्फ एक घंटा का अभ्यास करते हैंतो इस विषय की तैयारी के लिए काफी है। आपके लिए जरूरी है कि आप अभी इस पर अमल करना शुरू कर दें।इस खण्ड के प्रश्न मुख्य रूप से छात्रों की बौद्धिक क्षमता एवं सामाजिक अनुप्रयोग पर आधारित होते हैं। इसमें कुल 60 प्रश्न दिए जाते हैं, जिनमें से छात्रों को केवल 50 प्रश्न हल करने होते हैं। कुल 100 अंक तथा सवा घंटे के इस प्रश्नपत्र में प्रश्न न्यूमेरिकल एबिलिटी, कम्प्यूटर, टीचिंग एबिलिटी, रीजनिंग, रीडिंग कॉम्प्रिहेंशन, रिसर्च एप्टीटय़ूड, हायर एजुकेशन सिस्टम तथा आईटी पर आते हैं। हालांकि इसके अंक मेरिट में नहीं जुड़ते, फिर भी इसे उत्तीर्ण करना आवश्यक है। 

  • द्वितीय प्रश्नपत्र में अभ्यर्थी द्वारा चुने गए विषय से संबंधित 60 वस्तुनिष्ठ प्रश्न होते हैं। जिसमे  50 प्रश्न करना अनिवार्य है , इसके लिए भी सौ अंक तथा समय सवा घंटा है। आप  संबंधित पुस्तकों से  विषय से संबंधित प्रश्नों की तैयारी के लिए समय भी  निर्धारित कर लें यह खण्ड चुने हुए विषयों पर आधारित होता है। इसमें पूछे जाने वाले प्रश्नों की संख्या 50, अंक 100 तथा समय सवा घंटे का होता है। इसमें खास बात यही होती है कि इसके अंक मेरिट में जोड़े जाते हैं।..
===>  तीसरा और दूसरा प्रश्नपत्र काफी अहम होता है और इसी विषय में परफॉरमेंस के आधार पर आपका चयन काफी हद तक निर्धारित होता है। 
  •  तीसरा प्रश्नपत्र अभ्यर्थी द्वारा चुने गए विषय से संबंधित होता हैजिसके प्रश्न भी अब जून २०१२ की परीक्षा से  से वस्तुनिष्ठ टाइप के प्रश्न होंगे। इसके लिए कुल दो सौ अंक तथा ढाई घंटे रखे गए हैं। मेधा सूची निर्धारित करने वाले पेपर-दो की तैयारी के लिए संपूर्ण सिलेबस का अध्ययन आवश्यक है। साथ हीइसकी तैयारी के सिलेबस के अनुसार वन लाइनर तथ्यात्मक नोट्स बनाना सफलता के काफी करीब पहुंचा सकता है। किसी भी परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए आपको सौ फीसदी प्रदर्शन करना ही होगा। यदि आप भी इस परीक्षा में सफलता प्राप्त करना चाहते हैंतो अभी से बनाई गई योजना को पूरा करने के लिए जी जान से जुट जाएं। आप संबंधित विषय से संभावित प्रश्नों की एक सूची भी बना सकते हैं। इस तरह की सूची बनाने में पिछले दस वर्षो के प्रश्नों का अध्ययन काफी लाभ पहुंचा सकता है।  तीसरे पेपर में अब ७५ प्रश्न ही आएंगे जिन्हें अनिवार्य रूप से करना होगा ।

 पहले से रणनीति बनाना जरूरी..
  • यह परीक्षा क्वालिफाइंग नेचर के साथ-साथ हाईस्कोरिंग भी है। अत: इसमें बेहतर तैयारी से ही सफलता हासिल हो सकती है।
  • पूरे सिलेबस का इत्मीनान से अध्ययन शुरू करें। कोशिश करें कि हर टॉपिक टच में आ जाए।
  • तैयारी को सिलेबस एवं तैयारी के हिसाब से बांट लें तथा इसी को आधार बनाकर अध्ययन करें। सभी विषयों को बराबर महत्त्व दें।
  • प्रथम एवं द्वितीय प्रश्नपत्र से निगेटिव मार्किंग खत्म हो गई है, इसलिए छात्र कोशिश करें कि कोई प्रश्न छूटने न पाए।
  • तैयारी को लेकर हतोत्साहित न हों, परीक्षा साल भर में दो बार आयोजित होती है। दिसंबर न सही, जून में भी मौका मिलेगा।
सबसे अहम और आम :  बात है कि प्रश्न पत्र को 10 मिनट पहले खत्म कर लें। अंत में जो 10 मिनट मिलेंगे, वह बेहद अनमोल साबित हो सकते हैं। दोहराने के दौरान कई बार ऐसी छोटी गलतियां पकड़ में आ जाती हैं, जो कि बड़ी समस्या कर सकती है। ऐसे में उसे सुधारने का मौका मिल जाता है। इसके साथ कोई अगर सवाल अनुत्तरित रह जाता है तो उसका जवाब देने का भी मौका मिल जाता है....

राजनीति विज्ञानं विषय के नेट के छात्रों की  तैयारी में उपयोगी पत्र-पत्रिकाओं की एक संक्षिप्त सूची...

समाचार पत्र:-
The Hindu
दैनिक जागरण/हिंदुस्तान/दैनिक भास्कर/अमर उजाला  ( कोई एक )
पत्रिकाएं:- ( कोई दो )
प्रतियोगिता दर्पण
चाणक्या सिविल सर्विसेज टूडे
सिविल सर्विसेज क्रोनिकल
सिविल सर्विसेज टुडे
CSR (हिन्दी या अंग्रेजी)
अरिहंत समसामयिकी महासागर
पनोरमा  समसामयिकी
अन्य पत्रिकाएं:- (ऐच्छिक)
विज्ञान प्रगति
योजना
कुरुक्षेत्र
अहा, जिंदगी! (निबंध एवं सकारात्मक चिंतन हेतु)
Frontline (ऐच्छिक)/इंडिया टुडे/आउटलुक/शुक्रवार  के विशिष्ट अंक
सन्दर्भ पत्रिकाएं:- (ऐच्छिक)
मनोरमा ईयर बुक
भारत (ईयर बुक)
यूनिक सामान्य ज्ञान
Question Bank (UPSC: 1988-2008) with answer
देखें और सुनें -----
DD न्यूज़
बी बी सी लन्दन रेडिओ
नेट की तैयारी हेतु राजनीति विज्ञान विषय की पुस्तकों और पत्रिकाओं की सूची... 
प्रथम /द्वितीय /तृतीय प्रश्न पत्र की वर्क बुक - यूनिक / साहित्य भवन/ क्रानिकल /अन्य कोई न्यू दिल्ली से प्रकाशित 
द्वितीय /तृतीय प्रश्न हेतु ...
विवेचनात्मक राजनीती विज्ञानं कोष -ओ पी गाबा - मयूर प्रकाशन
राजनीती सिधांत कोष-  ओ पी गाबा - मयूर प्रकाशन
राजनीती विचारक कोष - ओ पी गाबा - मयूर प्रकाशन
राजनीतिक सिद्धांत की रुपरेखा - ओ पी गाबा - मयूर प्रकाशन
तुलनात्मक राजनीति की रुपरेखा - ओ पी गाबा - मयूर प्रकाशन
लोकप्रशासन - अवस्थी एंड महेश्वरी/ रुमकी बसू / मोहित भट्टाचार्य  
भारतीय प्रशासन एवं राजनीति (राज्यों की राजनीति सहित) - बी एल फाडिया - प्रतियोगिता साहित्य
संविधान/ भारतीय राजव्यवस्था  - डी डी बासु/ सुभाष कश्यप/जे० एन० पाण्डेय / एस0 एम0 सईद  
संसद - सुभाष कश्यप
राजनीति विज्ञान - NCERT - XI, XII
राजनीतिक चिंतन की रुपरेखा - ओ पी गाबा - मयूर प्रकाशन
अंतर्राष्ट्रीय राजनीति (सैद्धांतिक एवं व्यावहारिक पक्ष)- बी एल फाडिया - प्रतियोगिता साहित्य
भारत की विदेश नीति -जे० एन० दिक्सित 
अंतर्राष्ट्रीय संगठन - पुष्पेश पन्त- 
२१ वीं शताब्दी में अन्तर सम्बन्ध - पुष्पेश पन्त 
The Hindu से अन्तर सम्बन्ध पर नोट्स
Frontline से नोट्स
IGNOU political science book of BA &  MA
सिविल सेवा के लिए निकलनेवाली स्तरीय पत्रिकाओं के अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध विशेषांक
===> ऑनलाइन आवेदन एवं सिलेबस के लिए यूजीसी की वेबसाइट www.ugc.ac.in विजिट करें।
स्रोत - दैनिक जागरण/हिंदुस्तान/दैनिक भास्कर/अमर उजाला/ www.ugc.ac.इन/ थिंक टंक आदि  

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  :साइंस सब्जेक्ट्स से यूजीसी सीएसआईआर नेट जेआरएफ:


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वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) साइंस सब्जेक्ट्स के लिए यूजीसी के साथ मिलकर नेट की परीक्षा आयोजित करती है। पोस्ट ग्रैजुएशन में 55 फीसदी नंबर हासिल करने वाले स्टूडेंट नेट का एग़्जाम दे सकते हैं। पीएचडी करते समय स्टूडेंट्स की शैक्षिक और आर्थिक जरूरतों की पूर्ति के लिए यूजीसी जूनियर रिसर्च फैलोशिप देती है, लेकिन इसके लिए भी नेट का एग़्जाम क्वालिफाई करना जरूरी है। इसकी कुछ शर्त भी है। नेट की परीक्षा में अव्वल आने वाले स्टूडेंट्स को जूनियर रिसर्च फैलोशिप दी जाती है, लेकिन यह सुविधा उन्हीं स्टूडेंट्स को दी जाती है, जो अपने फॉर्म में इसके लिए अलग से आवेदन करते हैं।

जूनियर रिसर्च फैलोशिप के लिए पहला एग़्जाम 1984 में लिया गया था। सरकार ने 22 जुलाई 1988 की अधिसूचना से इस एग्जाम को कंडक्ट करने की जिम्मेदारी यूजीसी को सौंप दी। यूजीसी ने पहला एग़्जाम दो भागों में लिया। इसमें पहली परीक्षा दिसंबर 1989 में ली गई और दूसरा एग्जाम मार्च 1990 में लिया गया। नेट का एग़्जाम देने वाले स्टूडेंट्स को अप्लीकेशन फॉर्म में यह साफ-साफ जिक्र करना पड़ता है कि वह लेक्चररशिप की योग्यता के लिए परीक्षा देना चाहते हैं और जूनियर रिसर्च फैलोशिप भी हासिल करना चाहते हैं।
साल में दो बार एग़्जाम..
नेट की परीक्षा साल में दो बार जून और दिसंबर में होती है। इसके लिए रोजगार समाचार में मार्च और सितंबर में विज्ञापन प्रकाशित किया जाता है। जून में होने वाली परीक्षा के नतीजे अक्टूबर में घोषित किए जाते हैं। दिसंबर में होने वाली परीक्षा के परिणाम अप्रैल में आ जाते हैं। रिजल्ट्स रोजगार समाचार में प्रकाशित किए जाते हैं और इन्हें यूजीसी की वेबसाइट पर भी देखा जा सकता है।

जेआरएफ और नेट
इस परीक्षा में एक परीक्षा के माध्यम से दो तरह की मेरिट लिस्ट बनाई जाती है। जो साइंस के स्टूडेंट्स इस परीक्षा में सबसे अधिक अंक लाते हैं, उनकी मेरिट लिस्ट बनाई जाती है और इनमें से कुछ को जूनियर रिसर्च फेलोशिप यानी जेआरएफ और शेष को नेट यानी नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट के लिए चुना जाता है। जेआरएफ में चुने गए स्टूडेंट्स को रिसर्च के लिए स्कॉलरशिप दी जाती है, जबकि नेट क्वालीफाई को स्कॉलरशिप नहीं दी जाती। इस परीक्षा को उत्तीर्ण करनेवाले स्टूडेंट्स ही लेक्चरर या रीडर पद के योग्य होते हैं।
शैक्षिक योग्यता
सामान्य अभ्यर्थियों के लिए संबंधित विषय में कम से कम 55 प्रतिशत अंकों के साथ किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या संस्थान से साइंस विषयों यानी कि केमिकल साइंस, अर्थ एटमॉस्फेरिक ओशन ऐंड प्लानैटेरी साइंसेज, लाइफ साइंस, मैथेमेटिकल साइंसेज और फिजिकल साइंसेज में पीजी अनिवार्य है। इस परीक्षा के लिए आरए यानी कि रिजल्ट अवैटेड कैंडिडेट भी आवेदन कर सकते हैं। एससी, एसटी तथा समाज के विकलांग व्यक्तियों के लिए 50 प्रतिशत अंकों से स्नातकोत्तर होना जरूरी है।
उम्र सीमा
लेक्चरर पद की पात्रता प्राप्त करने की चाह रखने वाले अभ्यर्थियों के लिए उम्र सीमा का कोई बंधन नहीं है, वहीं जेआरएफ के लिए उम्र सीमा सामान्य उम्मीदवारों के लिए न्यूनतम 19 और अधिकतम 28 वर्ष है, जबकि एससी, एसटी तथा विकलांग व्यक्तियों को अधिकतम उम्र सीमा में पांच वर्ष की छूट का प्रावधान है।
परीक्षा का स्वरूप
चार सौ अंकों की लिखित परीक्षा दो चरणों में होगी। इसमें दो प्रश्नपत्र होंगे। दोनों पेपर दो-दो सौ अंकों के होंगे। प्रत्येक पेपर के लिए ढाई घंटे निर्धारित किए गए हैं। जो अभ्यर्थी प्रथम प्रश्नपत्र में सीएसआईआर द्वारा निर्धारित न्यूनतम अर्हक अंक लाने में सफल होंगे, उन्हीं अभ्यर्थियों के दूसरे पेपर का मूल्यांकन किया जाएगा।
प्रिपरेशन स्ट्रेटेजी
प्रथम चरण के पेपर ऑब्जेक्टिव टाइप के होते हैं। इसमें अवेयरनेस ऑफ जेनरल साइंस, एप्टीट्यूड ऑफ साइंटिफिक ऐंड क्वांटेटिव रीजनिंग और कम्प्यूटर से संबंधित प्रश्न होते हैं। इसकी तैयारी के लिए एनसीईआरटी की ग्यारहवीं और बारहवीं के साइंस पुस्तकों का गहन अध्ययन करें। यदि आप बेहतर तैयारी करते हैं, तो इसमें से बीस प्रश्न आसानी से बना सकते हैं। अपने विषय की तैयारी के लिए सबसे पहले महत्वपूर्ण अध्याय को एक जगह नोट कर लें। इस लिस्ट में उन्हीं को शामिल करें, जिससे हर वर्ष या सर्वाधिक प्रश्न पूछे जा रहे हैं। यदि चाहें, तो इस संबंध में सीनियर्स या कोचिंग की मदद ले सकते हैं। अक्सर देखा जाता है कि प्रथम पेपर क्वालीफाइंग होने के कारण स्टूडेंट्स इसकी तैयारी गंभीरता से नहीं करते हैं। यदि आपको इस परीक्षा में सफल होना है, तो दोनों पेपर की तैयारी गंभीरता से करनी होगी। आपके लिए बेहतर होगा कि पिछले पांच वर्षो के प्रश्नपत्रों को लें और देखें कि किस तरह के प्रश्न पूछे जा रहे हैं। यह कहना है इनमास डीआरडीओ के साइंटिस्ट सतीश चंद्रा का। यदि टेक्नोसेवी हैं, तो कम्प्यूटर से भी प्रश्नों को डाउनलोड कर सकते हैं।
सब्जेक्ट है अहम
दूसरा पेपर सब्जेक्ट से संबंधित होता है। इसके अंक मेरिट लिस्ट निर्धारित करते हैं। यह पीजी स्तर का होता है। इस कारण जिस विषय से आप एमएससी हैं, उसके सिलेबस और विषय की समझ तो आपको पहले से ही होगी। अब सिर्फ आपको इस परीक्षा को ध्यान में रखकर तैयारी करनी है। बेहतर स्ट्रेटेजी यह होगी कि आप प्रामाणिक पुस्तकों का अध्ययन करें। उसके बाद संक्षिप्त नोट्स बनाएं और उसी को बार-बार पढें। इस तरह की रणनीति अपनाने से फायदा यह होगा कि आप कम समय में बेहतर तैयारी कर पाएंगे और परीक्षा के समय बेहतर प्रदर्शन करेंगे। बाजार में इसके लिए नोट्स भी मिलते हैं। यदि आप चाहें, तो इसकी भी सहायता ले सकते हैं। परीक्षा हॉल में टू द प्वाइंट उत्तर लिखने के लिए आप जिस प्रश्न का उत्तर देना चाहते हैं, उसका सबसे पहले एक रफ कॉपी में यह लिख लें कि मुझे इन्हीं प्वॉइंट्स के भीतर प्रश्नों का उत्तर देना है। इससे आप भटकाव से बच जाएंगे। ऑब्जेक्टिव टाइप के प्रश्नों में अभ्यर्थियों के समक्ष तीन तरह के प्रश्न रहते हैं। पहला-आसान, दूसरा-50-50 और तीसरा लकी। विशेषज्ञों के अनुसार, प्राय: सभी परीक्षाओं में निगेटिव मार्किंग का प्रावधान होता है। इस कारण दो विकल्प अपनाना तो कारगर हो सकता है, लेकिन तीसरे विकल्प को अपनाना घातक होता है। परीक्षा में सफल होने के लिए जरूरी है कि दो विकल्पों का ही उपयोग करें। यदि आप इस परीक्षा और सिलेबस के बारे में विस्तृत रूप से जानना चाहते हैं, तो वेबसाइट WWW. csirhrdg.res.in देख सकते हैं।
सीएसआईआर नेट/जेआरएफ परीक्षा
आवेदन की अंतिम तिथि : 18/09/2012
परीक्षा तिथि : 23 दिसंबर, 2012
वेबसाइट : WWW. csirhrdg.res.in


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