इस पद पर आवेदन करने के लिए सामान्य प्रतियोगियों को इंटरमीडिएट प्रथम श्रेणी से या किसी भी विषय से ग्रेजुएशन अनिवार्य है, वहीं एससी, एसटी, एक्स सर्विस मैन और समाज के विकलांग व्यक्तियों को बारहवीं में कम से कम 50 प्रतिशत अंक लाना जरूरी है। उम्र सीमा जनरल कंडीडेट के लिए उम्र सीमा 18 से 28 वर्ष रखी गई है, जबकि एससी, एसटी व अन्य पिछड़े वर्गों के लिए उम्र सीमा में छूट का प्रावधान है।
परीक्षा का पहला भाग वस्तुनिष्ठ प्रश्नों पर आधारित होगा, जिसमें टेस्ट ऑफ रीजनिंग, न्यूमेरिकल एबिलिटी, क्लेरिकल एप्टीटयूड तथा अंग्रेजी के पेपर होंगे। गलत उत्तर देने पर निगॅटिव मार्किग की जाएगी। इसके बाद प्रतियोगियों को डिस्क्रीप्टिव टेस्ट देना होगा, जिसमें सिर्फ क्वालीफाइंग मार्क्स लाना जरूरी है। इस पूरी प्रक्रिया के बाद इंटरव्यू परीक्षा होगी।
कैसे करें तैयारी
किसी भी परीक्षा में सफल व असफल होना हमारे अपने हाथ में होता है। यदि परीक्षा को गंभीरता से लिया जाए और मेहनत की जाए, तो उसमें पास होना कोई मुश्किल बात नहीं। चूंकि इस परीक्षा में बहुत अभ्यर्थी शामिल होंगे, इसीलिए सफलता पाने के लिए अभी से नियमित एवं योजनाबद्ध तरीके से पढ़ाई में जुट जाएं। यदि प्रश्नों को जल्दी व शुद्धता से हल करने की आदत नहीं है, तो परीक्षा के दौरान समयाभाव के कारण कुछ प्रश्न छूट सकते हैं। ऐसी स्थिति से बचने के लिए नियमित रूप से अधिक से अधिक प्रश्न हल करने का अभ्यास करें और ध्यान रखें कि प्रश्न का उत्तर सही है या नहीं। क्योंकि यह प्रश्न वस्तुनिष्ठ होते हैं, इसलिए कम समय में अधिक प्रश्न हल करने का प्रयास करें। सभी खंड के लिए समय पहले ही निर्धारित कर लें, जिससे परीक्षा में समय की कमी न हो। साथ ही साथ रीजनिंग और न्यूमेरिकल प्रश्नों के लिए प्रतियोगी पत्रिकाओं के अलावा प्रैक्टिस सेट पर भी अभ्यास करें। हिन्दी एवं अंग्रेजी के राष्ट्रीय अखबारों की मदद से शब्द भंडार बढ़ाते रहें।यदि आप लिखित परीक्षा में सफल होते हैं, तो आपको इंटरव्यू के लिए बुलाया जाएगा। हमेशा ध्यान रखें कि इंटरव्यू में किसी भी प्रश्न का उत्तर पूरे आत्मविश्वास के साथ दें, जिससे एग्जामनर पर अच्छा प्रभाव पड़े। यदि इसमें भी सफल होते हैं, तो आपको क्लर्क पद के लिए चुन लिया जाएगा। इस परीक्षा से संबंधित अधिक जानकारी के लिए आप बैंक की साइट देख सकते हैं।
प्रोबेशनरी ऑफिसर्स (पीओ) के लिए उम्मीदवारों को लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के दो चरण से गुजरना होगा। लिखित परीक्षा में रीजनिंग, क्वांटिटेटिव एप्टिटय़ूड, जनरल सोशियो इकोनॉमिक एवं बैंकिंग अवेयरनेस, इंग्लिश लैंग्वेज और मार्केटिंग एप्टिटय़ूड से जुड़े सवाल पूछे जा सकते हैं। गलत जवाब के लिए निगेटिव मार्किग की जाती है। पीओ की परीक्षा के लिए डिस्क्रिप्टिव टेस्ट में उम्मीदवारों से लेख लिखने की उम्मीद की जाती है। समसामयिक विषयों पर लिखे जाने वाले इन लेखों के जरिए उम्मीदवारों की जानकारी और भाषा संबंधी योग्यताओं की जांच की जाती है। आमतौर पर 60 मिनट के इस टेस्ट में सिर्फ पास करना जरूरी होता है। इस नंबर को फाइनल सलेक्शन या रैंकिंग के वक्त नहीं जोड़ा जाता लेकिन इसमें कम से कम 40 फीसदी अंक लाना जरूरी है। ऑब्जेक्टिव टाइप एक्जाम में दो घंटे में 200-250 सवालों के जवाब देने होते हैं।
महत्वपूर्ण टिप्स
- एप्टिटय़ूड एवं रीजनिंग टेस्ट में अधिकतम समय लगाएं। इसमें आपको कंफ्यूजन हो सकता है, इसलिए इसकी प्रैक्टिस जरूरी है।
- क्वांटिटेटिव एप्टिटय़ूड में आपको बेसिक गणित के सवालों के जवाब देने होते हैं। इनमें बीजगणित, नफा-नुकसान, प्रतिशत, प्रॉब्लम, अंकगणित के सवाल आदि होते हैं। इसकी तैयारी के लिए दसवीं कक्षा के गणित के किताब मददगार साबित होते हैं।
- रीजनिंग के सवालों को हल करने के लिए प्रैक्टिस एकमात्र विकल्प है। परीक्षा में अधिकतर छात्रों को इसमें दिक्कत आती है। इसकी जितनी अधिक प्रैक्टिस करेंगे, परीक्षा में आपको उतना ही कम समय खर्च कर इसे हल करने में मदद मिलेगी। इसके सवाल डायग्राम, स्टेटमेंट या एनालिसिस पर निर्भर होते हैं, जिन्हें हल करने में आपकी कुशलता बहुत मदद करती है।
- अंग्रेजी की परीक्षा में ग्रामर, शब्द क्षमता, पर्यायवाची, विपरीतार्थक, खाली जगह को भरने, वाक्य बनाने आदि से सवाल पूछे जाते हैं। इसकी तैयारी के लिए अंग्रेजी के बेसिक किताबों की मदद ली जा सकती है।
- सामान्य ज्ञान की तैयारी के लिए आपको समसामयिक विषयों से अवगत रहने की जरूरत है। नियमित रूप से पेपर पढ़ना, आस-पास की घटनाओं पर नजर रखना, आर्थिक जगत की हलचलों पर नजर रखना और अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य में घटने वाली घटनाओं के असर आदि पर नजर रखने से इस तरह के सवाल आराम से हल किए जा सकते हैं। इस सेक्शन में बैंकिंग, रिजर्व बैंक और वित्तीय बाजार से जुड़ी घटनाओं पर विशेष निगाह रखने की जरूरत है।
- सवाल का अनुमान नहीं लगाएं क्योंकि निगेटिव मार्किग आपकी मेहनत पर पानी फेर सकता है। पुराने सवालों को हल करने की प्रैक्टिस कर अपना समय बचा सकते हैं। इससे आपको सवालों के तरीके और उसे हल करने की प्रक्रिया के बारे में पता चलेगा।
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